INGREDIENTS
HOW TO USE
पंच मà¥à¤–ी रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· का बहà¥à¤¤ महतà¥à¤µ है। à¤à¤¸à¤¾ माना जाता है कि इस रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· को à¤à¤—वान कालागà¥à¤¨à¤¿ रà¥à¤¦à¥à¤° के रूप में सà¥à¤µà¤¯à¤‚ à¤à¤—वान शिव ने आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ दिया है। जब कोई वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ इस रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· को बहà¥à¤¤ ही à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ और ईमानदारी के साथ पहनता है, तो उसको सà¤à¥€ पापों से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ मिल जाती है। कहा जाता है पंचमà¥à¤–ी रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· को विधिवत धारण करने से पंचबà¥à¤°à¤¹à¥à¤® की विशेष कृपा पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती है। पंचबà¥à¤°à¤¹à¥à¤® में à¤à¤—वान गणेश, à¤à¤—वान शिव, शकà¥à¤¤à¤¿ (देवी) à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ और सूरà¥à¤¯ देव शामिल हैं। धरà¥à¤® पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, पंचमà¥à¤–ी रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· को धारण करने का सबसे शà¥à¤ दिन सोमवार है। सोमवार या गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° का दिन à¤à¤—वान शिव को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ किया गया है। रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· को धारण करने से पहले इसे गंगा जल या कचà¥à¤šà¥‡ दूध से शà¥à¤¦à¥à¤§ कर लीजिà¤à¥¤ उसके बाद धूप, दीप जलाकर à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ की पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ करने की सलाह दी जाती है। इसके बाद 5 मà¥à¤–ी रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· धारण करने का मंतà¥à¤° “ॠहà¥à¤°à¥€à¤‚ कà¥à¤²à¥€à¤‚ नम:†का 108 बार जप करें।
BENEFITS
पंचमà¥à¤–ी रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ होता है और यह पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚, महिलाओं और बचà¥à¤šà¥‹à¤‚, हर किसी के लिठअचà¥à¤›à¤¾ है। यह समानà¥à¤¯ खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤²à¥€, सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ और सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ के लिठहै। और समृदà¥à¤§à¤¿ पाने के लिठपांच मà¥à¤–ी रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· को धारण करने की सलाह देते हैं। मानसिक शांति मिलती है. अनावशà¥à¤¯à¤• मन विचलित और परेशान नहीं रहता है।